सही तरीके से बचाएं पैसा

क्या आपने अपने मुश्किल दिनों के लिए पैसे बचाए हैं? अगर कोई आपात स्थिति आए तो आप कैसे मैनेज करेंगे? घर के डाउन पेमेंट के लिए आपके पास पैसा है या नहीं? अपने बच्चों की ऊंची शिक्षा के लिए आपके पास रकम होगी या नहीं? और क्या आपके ऊपर कर्ज है?

याद है 2008 की मंदी के दौरान, आर्थिक मंदी और नौकरियों के जाने का कितना भयानक दौर आया था। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि आपकी गाढ़ी मेहनत की कमाई कहां खर्च हो रही है। अनिश्चितता भरे संसार में आपको सबसे पहले आर्थिक स्थिरता के बारे में उपाय करने ही चाहिए। और इस दिशा में आपका सबसे पहले कदम होगा एक सेविंग प्लान लेना।
बचत शुरू करें अभी से, जानें कैसे!

आप सोच रहे होंगे कि बंधी-बंधाई आमदनी में से आप अपने खर्चे पूरे कर लें, यही बहुत है, ऐसे में बचत कैसे होगी। आपको हैरानी होगी कि दक्षता और अनुशासन इसका जबाव छुपा है सबसे पहले देखें कि आपको खर्च कहां हो रहा है। हर महीने के खर्च के लिए एक डायरी रखें, कॉफी ब्रेक से लेकर घर के सामान पर खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रखें। आपको हैरानी होगी कि इन्हीं जगहों से आपको सबसे ज्यादा पैसा बचाने की जगह मिलेगी। अपना बजट बनाना उतना मुश्किल भी नहीं है जितना आप सोच रहे हैं। खर्चों और व्यय के लिए लक्ष्य बनाकर चलें। जो तय खर्चें हैं जैसे कि घर का किराया, विभिन्न बिल, कार लोन-होम लोन की किश्तें, क्रेडिट कार्ड के बिल उनमें तो कांट-छांट नहीं हो सकती है। हां, लेकिन घर के सामान और कपड़ो के लिए खर्च की सीमा रखें, साथ ही मनोरंजन और यात्राओं के लिए भी तयशुदा सीमा से ज्यादा खर्च ना करें। बचपन में सीखें बचत के यही सामान्य सिद्धांत आपका बड़ा पैसा बचाएंगे।

आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता आपात स्थिति के लिए एक फंड बनाकर रखना होनी चाहिए। अगर आपने इसके बारे में नहीं सोचा हो तो सबसे अच्छा विकल्प यही होगा कि आपकी आय में से हर महीने कुछ पैसा इसके लिए कटता रहे और इस पैसे को आप फिक्सड या रिकरिंग डिपॉजिट में रख सकते हैं।

अगर किसी महीने आप थोड़ा ज्यादा पैसा बचा सकते हैं तो आपको वो बचाना चाहिए क्योंकि ये उस महीने में काम आएगा जब किसी महीने आपका क्रेडिट बिल सामान्य से ज्यादा आए। इमरजेंसी फंड के बाद आपका अगला लक्ष्य होना चाहिए कि आप निवेश और बचत के लिए ज्यादा पैसा बचा सकें। अपने क्रेडिट कार्ड को अलविदा कहके इसकी शुरूआत करें। अगर आप हर महीने के क्रेडिट कार्ड बिल का मुआयना करेंगे तो आप देखेंगे कि आप क्रेडिट कार्ड के ब्याज पर हर महीने कितना फालतू पैसा खर्च कर रहे हैं और इसे बचाने से कितना फायदा मिल सकता है।

बचत बनाम निवेश
इस सब के अलावा आपको बचत और निवेश के बीच का अंतर भी समझना काफी जरूरी है। बचत से आप ज्यादा से ज्यादा दो साल के लिए अपने आकस्मिक जरूरतों को पूरा कर सकते है। भविष्य में होने वाले खर्चों के लिए केवल बचत से ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। बचत का मुख्य उद्देश्य है पैसा इकट्ठा करना और उसे सुरक्षित रखना।
लेकिन निवेश के जरिए आप बचाए हुए पैसे की नेटवर्थ बढ़ा सकते हैं और लंबी अवधि में पैसे को काम में आने लायक बना सकते हैं। हां आपको पता ही होगा कि निवेश में जोखिम भी होता है, जिसमेंके तहत आप अपने मूल बचत में से कुछ रकम खो सकते हैं। इसलिए आपको सलाह दी जा रही है कि आप निवेश प्लान उसी सूरत में ले अगर आपके इमरजेंसी फंड, बीमा, रिटायरमेंट प्लान के लिए पैसे का इंतजाम ठीक तरीके से कर पा रहे हों।

लंबी अवधि के लिए ध्यान रखें
लंबी अवधि के लिए निवेश करते समय अपने लक्ष्यों का ध्यान रखना काफी जरूरी है- आप उतना ही निवेश करें जो आप लगातार और बिना दिक्कत के साथ कर सकें। आप किसी फंड के बारे में कितना जानतें हैं और आप कितना पैसा बचाएं जिससे जोखिम कम से कम हो। इन सब बातों का ख्याल रखकर ही लंबी अवधि की निवेश की प्लानिंग करें।
सुनने में ये बातें बहुत साधारण लगती हैं और शायद हम इसी वजह से इनका पालन नहीं करते। लेकिन ध्यान रखें कि अपने परिवार को सुरक्षित भविष्य और मजबूत आर्थिक स्थिति का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें ऊपर बताई गई बातें मानना बहुत जरूरी है।

अगर आप यहां बताई गई बातों पर गौर करेंगे ते देखेंगे कि हमने आपको बताया है कि छोटी- मामूली चीजों से पैसा कैसा बचाया जाता है। आपका आखिरी लक्ष्य यही होगा कि रिटायरमेंट के बाद आपके पास इतना पैसा हो कि आप बिना काम करे बेप्रिकी भरी जिंदगी जी सकें। लेकिन हमारा तात्कालिक लक्ष्य यही होगा कि आप पैसा बचाना शुरू करें और इसकी आदत डाल लें। पैसा बचाने जिंदगी जीने के तरीकों में शामिल हो जाए तो निश्चित तौर पर आपकी जिंदगी बेहतर हो सकती है।